Thursday, July 03, 2025

श्री शिव शयनोत्सव: एक विशेष तिथि और उसका महत्व

 आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को जटाजूट की व्यवस्था के अनुसार भगवान शिव सिंह-चर्म के विस्तर पर शयन करते हैं। इसलिए, इस दिन से पहले की पूर्णिमा यानी पूर्वविद्धा पूर्णिमा में शिवपूजन कर रुद्रव्रत करने से शिवलोक की प्राप्ति होती है। इसी प्रसंग से जुड़ा हुआ एक महत्वपूर्ण और विशेष पर्व है — शिव शयनोत्सव, जिसे हिन्दू धर्म में बड़े श्रद्धा और भक्ति से मनाया जाता है।

शिव शयनोत्सव का महत्व और तिथि

यह पर्व भगवान शिव के शयन की शुरुआत का प्रतीक है, जो चातुर्मास के दौरान होता है। इस दिन भगवान शिव योग निद्रा में प्रवेश करते हैं और सृष्टि के संचालन का कार्य अपने स्वरूप रुद्र को सौंप देते हैं। इस साल (2025) शिव शयनोत्सव 10 जुलाई को मनाया जाएगा। इस दिन भक्तगण भगवान शिव की पूजा, ध्यान और साधना में लीन रहते हैं।


भगवान शिव का शयन और रुद्र को कार्यभार सौंपना

शिव शयनोत्सव चातुर्मास के चार महीने के पवित्र काल की शुरुआत करता है, जब भगवान शिव अपने योग निद्रा में चले जाते हैं। इस दौरान रुद्र, जो शिव का एक प्रबल रूप है, सृष्टि के प्रबंधन का कार्य संभालते हैं। यह समय भले ही भगवान शिव की प्रत्यक्ष उपस्थिति का अभाव हो, लेकिन रुद्र के रूप में उनकी दिव्य ऊर्जा और आशीर्वाद भक्तों तक पहुंचती रहती है।

अशुभ कार्यों से बचाव

शिव शयनोत्सव के दिन विशेष रूप से कुछ कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है, जैसे कि दान या पारंपरिक पूजा करना शुभ नहीं माना जाता। यह दिन मुख्यतः साधना, ध्यान और आत्मिक शांति प्राप्ति के लिए समर्पित होता है।

रुद्र की पूजा और उसके लाभ

इस दिन रुद्र की पूजा का विशेष महत्व होता है। रुद्राष्टक, रुद्राभिषेक और अन्य रुद्र संहिताओं का पाठ करके व्यक्ति अपने जीवन से कष्ट, बाधाएं और विपत्तियां दूर कर सकता है। इस पूजा से जीवन में सुख, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति होती है।

निष्कर्ष

आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को शिवजी के सिंह-चर्म विस्तर पर शयन का महत्त्व एवं शिव शयनोत्सव का पर्व हमें आध्यात्मिक उन्नति, आत्मसाक्षात्कार और शांति की ओर प्रेरित करता है। यह दिन हमें भगवान शिव और उनके रूप रुद्र के प्रति भक्ति और संयम का पाठ पढ़ाता है।

इस साल 10 जुलाई को इस पावन अवसर पर भगवान शिव और रुद्र की पूजा करके, हम अपने जीवन को समृद्ध, शांत और आध्यात्मिक रूप से सशक्त बना सकते हैं। शिव शयनोत्सव हमें यह स्मरण कराता है कि शांति, भक्ति और साधना के मार्ग पर चलकर हम अपने अंदर की शुद्धता और परम आनंद को प्राप्त कर सकते हैं। #शिव_शयनोत्सव #भगवानशिव #रुद्रपूजन #योगनिद्रा #चातुर्मास #शिवभक्ति #रुद्राभिषेक #शिवशक्ति #भोलेनाथ #हरहरमहादेव #शिवभक्त #शिवपूजा #महादेव #शिवरात्रि #शिव_शक्ति #शिव_की_महिमा #शिव_अनंत #शिव_शांति_साधना #भक्ति #धार्मिक #आध्यात्मिकता #सनातनधर्म #SanatanDharma #हिन्दूधर्म #सनातन #पवित्रता #ध्यान #मंत्र #पूजा #व्रत #धार्मिकअनुष्ठान #संस्कार #ऋभुकान्त_गोस्वामी #RibhukantGoswami #Astrologer #Astrology #LalKitab #लाल_किताब #PanditVenimadhavGoswami

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