Thursday, July 17, 2025

श्रावण शिवरात्रि 2025: 23 जुलाई को शिवभक्ति का अद्भुत उत्सव

 श्रावण का महीना जब शुरू होता है, तो पूरा वातावरण भक्ति से भर जाता है। हर शिव भक्त को जिस दिन का इंतज़ार रहता है, वो है श्रावण शिवरात्रि। ये दिन सिर्फ व्रत और पूजा का नहीं बल्कि एक आस्था और श्रद्धा का पर्व भी है। साल 2025 में यह खास दिन 23 जुलाई, बुधवार को मनाया जाएगा। आइए जानें इस पावन अवसर का महत्व, पूजा की विधि और इससे जुड़ी कुछ खास बातें।



क्या है श्रावण शिवरात्रि?

श्रावण शिवरात्रि श्रावण महीने में आने वाली वह रात्रि है जो भगवान शिव को समर्पित होती है। यह तिथि हर साल कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को आती है। श्रावण महीना भगवान शिव को अत्यंत प्रिय होता है, इसलिए इस समय की शिवरात्रि का महत्व बाकी शिवरात्रियों से भी ज़्यादा होता है।

क्यों खास है 23 जुलाई 2025 की श्रावण शिवरात्रि?

इस बार 23 जुलाई को आने वाली श्रावण शिवरात्रि एक शुभ योग लेकर आ रही है। बुधवार का दिन बुद्धि और शांति का प्रतीक होता है और जब यह दिन भगवान शिव की आराधना के साथ आता है, तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन लाखों भक्त शिवालयों में जलाभिषेक करने के लिए उमड़ पड़ते हैं।

श्रावण शिवरात्रि का धार्मिक महत्व

मान्यताओं के अनुसार, श्रावण शिवरात्रि के दिन माता पार्वती और भगवान शिव का पुनः मिलन हुआ था। इसी वजह से विवाहित स्त्रियाँ अपने वैवाहिक जीवन की सुख-शांति के लिए व्रत करती हैं और कुंवारी लड़कियाँ अच्छे वर की प्राप्ति के लिए इस दिन शिव पूजा करती हैं।

यह पर्व कांवड़ यात्रा से भी जुड़ा होता है जहाँ शिवभक्त गंगाजल लाकर शिवलिंग का अभिषेक करते हैं। यह यात्रा न सिर्फ कठिन होती है बल्कि भक्तों के समर्पण और आस्था की परीक्षा भी होती है।

श्रावण शिवरात्रि की पूजा विधि

इस दिन की पूजा थोड़ी विशेष होती है, क्योंकि यह दिन भगवान शिव को बहुत प्रिय माना जाता है। यहाँ पूजा का सरल तरीका बताया गया है:

  • सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।

  • घर या मंदिर में स्थित शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद और गंगाजल से अभिषेक करें।

  • बेलपत्र, धतूरा, आक का फूल, सफेद फूल, और फल अर्पित करें।

  • "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें।

  • शिवरात्रि व्रत कथा पढ़ें या किसी बुज़ुर्ग या पंडित से सुनें।

  • रात को जागरण कर सकते हैं और शिव आरती जरूर करें।

ध्यान रहे, पूजा भाव से की जाए तो ही फलदायी होती है। सिर्फ दिखावे के लिए की गई पूजा में सच्ची भक्ति नहीं होती।

व्रत रखने के कुछ टिप्स (थोड़ा ध्यान रखें)

  • अगर आप पहली बार व्रत रख रहे हैं तो पूरे दिन फलाहार करें और पानी लेते रहें।

  • व्रत के दौरान मन को शांत रखें, टीवी या मोबाइल से दूरी बनाएं।

  • पूजा में मन लगाएं, और किसी से कटु वचन न बोलें।

अंत में...

श्रावण शिवरात्रि सिर्फ एक त्योहार नहीं बल्कि शिवभक्ति में लीन होने का अवसर है। यह दिन आत्मा को शुद्ध करने, मन को शांत करने और जीवन में सकारत्मकता लाने का माध्यम है। चाहे आप व्रत रखें या ना रखें, बस सच्चे मन से "ॐ नमः शिवाय" का जाप करें, यही सबसे बड़ा पूजन है।

तो इस 23 जुलाई को, चलिए मिलकर शिवजी की भक्ति में डूब जाएं और अपने जीवन को एक नई दिशा दें।

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