Saturday, July 19, 2025

हरियाली अमावस्या 2025: 24 जुलाई को मनाएं यह शुभ पर्व

 हरियाली अमावस्या एक महत्वपूर्ण हिन्दू पर्व है जो श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। यह दिन प्रकृति से जुड़ा हुआ है और इसे भगवान शिव, माता पार्वती और पितरों की पूजा का खास दिन माना जाता है। हरियाली अमावस्या इस वर्ष 24 जुलाई को मनाई जाएगी। इस दिन को लेकर कुछ खास रिवाज और कथाएं जुड़ी हुई हैं जो इसे और भी खास बनाती हैं।




हरियाली अमावस्या का महत्व

हरियाली अमावस्या का दिन विशेष रूप से पितृदोष और कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए जाना जाता है। इस दिन को लेकर मान्यता है कि यदि इस दिन विशेष पूजा, स्नान और दान किया जाए, तो व्यक्ति को जीवन में सुख और समृद्धि मिलती है। इसके साथ ही, इस दिन प्रकृति को भी समर्पित किया जाता है, जिससे हम प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी और प्रेम व्यक्त करते हैं।

पूजा और दान का महत्व

हरियाली अमावस्या के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन विशेष रूप से पीपल के पेड़ की पूजा करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा, इस दिन वृक्षारोपण और पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया जाता है, जिससे हम अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और हराभरा वातावरण छोड़ सकें।

इसके साथ ही, इस दिन पितरों की शांति के लिए श्राद्ध और तर्पण किया जाता है। कहा जाता है कि पितृदोष के निवारण के लिए इस दिन विशेष उपाय करना बेहद फलदायी होता है।

24 जुलाई 2025: खास दिन के लिए खास उपाय

हरियाली अमावस्या 24 जुलाई 2025 को पड़ रही है। इस दिन की खासियत यह है कि यह संयोग बहुत ही शुभ माना जाता है। यदि इस दिन आप पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और दीप जलाएं, तो इससे न सिर्फ पितृदोष से मुक्ति मिलती है, बल्कि कालसर्प दोष भी समाप्त हो सकता है। इसके अलावा, भगवान विष्णु की पूजा करना और 'ऊं नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का 108 बार जाप करना अत्यधिक लाभकारी माना जाता है।

हरियाली अमावस्या की कथा

हरियाली अमावस्या से जुड़ी एक प्रसिद्ध कथा है, जो इस दिन के महत्व को और भी स्पष्ट करती है। कहते हैं कि एक राजा की पत्नी ने गलती से रसोई में रखी मिठाई खा ली, और चूहे को इसका दोषी ठहराया गया। बदला लेने के लिए चूहे ने रानी की साड़ी राजा के कमरे में रख दी, जिसके कारण रानी को महल से बाहर निकाल दिया गया।

लेकिन बाद में, राजा ने अपनी बहू की भक्ति और पीपल के पेड़ के नीचे जलते दीपों को देखा। यह दृश्य उसे इतना प्रभावित करता है कि उसने रानी को वापस महल बुलवाया, और फिर सभी खुशी-खुशी रहने लगे। इस कथा से यह संदेश मिलता है कि भक्ति और सही मार्ग पर चलने से जीवन में सब कुछ सही हो जाता है।

इस दिन को खास बनाने के लिए कुछ सरल उपाय

  • पीपल के पेड़ की पूजा करें और वहां जल चढ़ाएं। इससे पितृदोष और कालसर्प दोष से मुक्ति मिल सकती है।

  • वृक्षारोपण करें: हरियाली अमावस्या का उद्देश्य प्रकृति संरक्षण भी है, इसलिए इस दिन किसी पौधे का रोपण जरूर करें।

  • दीप जलाएं: रात में पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं और भगवान विष्णु की पूजा करें।

निष्कर्ष

हरियाली अमावस्या का दिन न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमें प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्यों को समझने का भी अवसर देता है। इस दिन किए गए पूजा-पाठ और उपायों से जीवन में शांति और समृद्धि आती है। 24 जुलाई को इस दिन को सही तरीके से मनाकर आप भी खुद को और अपने परिवार को सुख, समृद्धि और आशीर्वाद दे सकते हैं। #हरियालीअमावस्या #हरियालीअमावस्याव्रत #श्रावणअमावस्या #अमावस्याव्रत #हरियालीपर्व #श्रावणमाह #हरियालीउत्सव #शिवभक्ति #प्रकृतिपूजन #पर्यावरणसंरक्षण #सावनकीअमावस्या #सावन2025 #हिन्दूपर्व #पवित्रअमावस्या #हरियालीऔरभक्ति #SanatanDharma #हिन्दूधर्म #सनातन #पवित्रता #ध्यान #मंत्र #पूजा #व्रत #धार्मिकअनुष्ठान #संस्कार #ऋभुकान्त_गोस्वामी #RibhukantGoswami #Astrologer #Astrology #LalKitab #लाल_किताब #PanditVenimadhavGoswami For more information: www.benimadhavgoswami.com WhatsApp 9540166678 Phone no. 9312832612

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