Monday, June 16, 2025

2025 में सूर्य का दक्षिणायन प्रवेश: क्या है धार्मिक महत्व?

 हर साल की तरह, इस बार भी 21 जून को सूर्य दक्षिणायन की दिशा में अपने पथ पर अग्रसर होंगे। भारतीय पंचांग के अनुसार यह एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है, जिसका सीधा संबंध हमारे धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन से भी जुड़ा हुआ है। आइए समझते हैं कि दक्षिणायन क्या है और इसका क्या आध्यात्मिक अर्थ होता है।



दक्षिणायन क्या होता है?

जब सूर्य अपनी दिशा बदलते हुए उत्तर से दक्षिण की ओर बढ़ने लगते हैं, तो उस प्रक्रिया को दक्षिणायन कहा जाता है। यह आमतौर पर हर साल 21 जून को शुरू होता है और 21 दिसंबर तक चलता है।

यह केवल खगोलीय घटना नहीं है, बल्कि हिंदू धर्म में इसे विशेष आध्यात्मिक महत्त्व प्राप्त है। ऐसी मान्यता है कि इस समय काल में सूर्य दक्षिण दिशा की ओर बढ़ते हैं, जो यम और पितरों की दिशा मानी जाती है।

देवताओं की रात्रि क्यों कहा जाता है?

धार्मिक ग्रंथों में इस अवधि को देवताओं की रात्रि कहा गया है। माना जाता है कि जैसे हमारा एक दिन और रात होता है, वैसे ही देवताओं का भी होता है — फर्क सिर्फ इतना है कि उनका एक दिन हमारे छह महीनों के बराबर होता है।

उत्तरायण (जनवरी से जून) देवताओं का दिन होता है, जबकि दक्षिणायन (जून से दिसंबर) उनकी रात्रि। इसलिए इस समय को शांति, साधना और आत्म-अनुशासन का समय माना गया है।

इन कार्यों से करें परहेज़

धार्मिक दृष्टि से दक्षिणायन की अवधि में कुछ मांगलिक कार्यों को टालना उचित माना गया है। आमतौर पर इन कार्यों को करने की मनाही होती है:

  • विवाह समारोह

  • गृह प्रवेश

  • मुंडन संस्कार

  • उपनयन (जनेऊ संस्कार)

ऐसा माना जाता है कि इन कार्यों को उत्तरायण में करना अधिक शुभ और फलदायक होता है।

साधना और आत्म-उन्नति का समय

जहाँ एक ओर दक्षिणायन में कुछ कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है, वहीं यह समय अंतरमुखी होने का भी है। यह काल तप, ध्यान, व्रत और आत्म-चिंतन का सर्वोत्तम समय माना गया है।

जो भी साधक ईश्वर-प्राप्ति की ओर अग्रसर होना चाहते हैं, उनके लिए यह काल विशेष फलदायी माना जाता है।

कब से कब तक रहेगा दक्षिणायन?

  • प्रारंभ: 21 जून 2025

  • समाप्ति: 21 दिसंबर 2025

इसके पश्चात सूर्य उत्तरायण की दिशा में बढ़ेंगे, जो कि देवताओं का दिन होता है और शुभ कार्यों की शुरुआत का संकेत देता है।

निष्कर्ष

सूर्य का दक्षिणायन प्रवेश केवल एक खगोलीय घटना नहीं, बल्कि हमारी धार्मिक परंपराओं से गहराई से जुड़ी हुई एक सांस्कृतिक यात्रा है। यह समय है आत्मचिंतन का, ध्यान और साधना का — जहाँ बाहरी जगत की चहल-पहल से दूर होकर हम भीतर की ओर झाँक सकते हैं।

तो इस दक्षिणायन काल में थोड़ा रुकें, थोड़ा सिमटें, और खुद से मिलने का एक अवसर दें। #Dakshinayan2025 #सूर्य_का_दक्षिणायन #SunTransition #SpiritualVibes #SadhanaTime #VedicEnergy #InnerPeace #YogaSeason #SolsticeIndia #SanatanCulture#भक्ति #धार्मिक #आध्यात्मिकता #सनातनधर्म #SanatanDharma #हिन्दूधर्म #सनातन #पवित्रता #ध्यान #मंत्र #पूजा #व्रत #धार्मिकअनुष्ठान #संस्कार #ऋभुकान्त_गोस्वामी #RibhukantGoswami #Astrologer #Astrology #LalKitab #लाल_किताब #PanditVenimadhavGoswami For more information: www.benimadhavgoswami.com WhatsApp 9540166678 Phone no. 9312832612


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