Wednesday, September 03, 2025

मेला सोढल 2025: जालंधर का सबसे बड़ा धार्मिक उत्सव

 पंजाब की धरती पर कई धार्मिक मेले और पर्व मनाए जाते हैं, लेकिन जालंधर का मेला सोढल अपनी अलग ही महत्ता रखता है। यह मेला बाबा सोढल जी की स्मृति में हर साल भादों महीने में लगाया जाता है। श्रद्धालु दूर-दूर से यहाँ आते हैं, सरोवर में स्नान करते हैं और बाबा सोढल की समाधि पर चढ़ावा अर्पित कर मनोकामनाएँ पूरी होने की प्रार्थना करते हैं।

इस मेले में न केवल धार्मिक आस्था झलकती है बल्कि मनोरंजन और मेलजोल का रंग भी देखने को मिलता है।


मेला सोढल कब है?

मेला हर साल भादों महीने की त्रयोदशी तिथि को आयोजित किया जाता है। इस दिन भक्तों का विश्वास है कि बाबा सोढल प्रकट होते हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। 2025 में यह तिथि 6 सितम्बर को पड़ रही है।

बाबा सोढल की कथा


किंवदंती के अनुसार, बाबा सोढल का जन्म एक खत्री परिवार में हुआ था। कहा जाता है कि एक दिन उनकी माता ने उन्हें तालाब से कपड़े धोने से मना किया, परंतु उन्होंने यह आदेश नहीं माना। परिणामस्वरूप वे रहस्यमयी ढंग से तालाब में विलीन हो गए। भक्त मानते हैं कि यह घटना ही उनके दिव्य रूप का प्रमाण है और उसी की याद में हर साल यह मेला लगता है।

मेले से जुड़ी परंपराएँ और मान्यताएँ

1. धार्मिक अनुष्ठान

मेले के दिन महिलाएँ विशेष रूप से अपने बच्चों की लंबी उम्र और परिवार की समृद्धि के लिए बाबा सोढल से प्रार्थना करती हैं।

2. कसार चढ़ाने की परंपरा

इस मेले का खास आकर्षण है कसार चढ़ाना। यह एक विशेष व्यंजन होता है जिसे श्रद्धालु चौदह बार समाधि पर अर्पित करते हैं।

3. खेतड़ी बोना

मेले से एक रात पहले चड्ढा वंश के लोग खेतड़ी बोते हैं। इसे शुभ और समृद्धि लाने वाला माना जाता है।

मेले का स्थान

यह भव्य आयोजन जालंधर शहर के श्री सिद्ध बाबा सोढल मंदिर परिसर और उसके आस-पास होता है। मेले में श्रद्धालु सरोवर में स्नान करते हैं और समाधि पर माथा टेककर आशीर्वाद लेते हैं।

आस्था और उत्सव का संगम

मेला सोढल केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि आस्था, विश्वास और लोक परंपरा का अद्भुत संगम है। जहाँ एक ओर लोग बाबा सोढल की पूजा-अर्चना करते हैं, वहीं दूसरी ओर झूले, खाने-पीने के स्टॉल और मेल-मिलाप का उल्लास वातावरण को जीवंत बना देता है। #मेला_सोढल #बाबा_सोढल #जालंधर_मेला #पंजाब_के_मेले #धार्मिक_मेला #सोढल_मंदिर #भादों_का_मेला #भारत_की_संस्कृति #पंजाब_पर्यटन #आस्था_का_मेला #भक्ति_और_श्रद्धा #सोढल_उत्सव #जालंधर_धरोहर #पंजाब_की_परंपरा #SanatanDharma #सनातन #पवित्रता #ध्यान #मंत्र #पूजा #व्रत #धार्मिकअनुष्ठान #संस्कार #ऋभुकान्त_गोस्वामी #RibhukantGoswami #Astrologer #Astrology #LalKitab #लाल_किताब #PanditVenimadhavGoswami

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