नवरात्रि के पावन दिनों में माँ दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा होती है। इन नौ दिनों में ज्ञान और विद्या की देवी माँ सरस्वती की पूजा का भी विशेष महत्व है। इस बार नवरात्रि 2025 में सरस्वती पूजा का आवाहन 29 सितंबर को होगा। परंपरा के अनुसार पूजा का प्रारंभ आवाहन से और समापन विसर्जन से होता है।
सरस्वती पूजा की परंपरागत विधि
आवाहन और विसर्जन का समय
शास्त्रों में उल्लेख है कि आश्विन शुक्ल पक्ष में मूल नक्षत्र पर देवी सरस्वती का आवाहन किया जाता है और श्रवण नक्षत्र (जो मूल से चौथा नक्षत्र है) पर उनका विसर्जन किया जाता है। यह पूजा सामान्यतः चार दिनों तक चलती है – आश्विन शुक्ल सप्तमी से लेकर दशमी तक।
इन दिनों में विशेष नियम भी बताए गए हैं। व्रतराज और वर्षकृत्यदीपक जैसे ग्रंथों में लिखा है कि इस अवधि में पढ़ाई-लिखाई, अध्यापन और लेखन कार्य वर्जित माने जाते हैं। इसका कारण है कि इन दिनों विद्या का अधिष्ठान स्वयं देवी सरस्वती के चरणों में समर्पित होता है।
सरस्वती की स्थापना
आश्विन शुक्ल नवमी को पुस्तकों और वाद्ययंत्रों पर माता सरस्वती की स्थापना की जाती है। विशेषकर दक्षिण भारत और तमिल प्रदेशों में यह परंपरा अत्यंत लोकप्रिय है। वहाँ घर के सभी सदस्य – छोटे-बड़े – अपनी पुस्तकों को एकत्र करते हैं, महिलाएँ और कन्याएँ अपनी संगीत-पुस्तकें व वीणा लेकर आती हैं। इन सभी को देवी सरस्वती का रूप मानकर पूजित किया जाता है।
इसी दिन शिल्पकार और मजदूर अपने-अपने औजारों की भी पूजा करते हैं। इसे ही आयुध पूजा कहा जाता है।
नवरात्रि 2025 में सरस्वती पूजा का कार्यक्रम
नवरात्रि 2025 में सरस्वती पूजा का मुख्य दिन मंगलवार, 30 सितंबर 2025 होगा, जो नवरात्रि का आठवाँ दिन है।
कार्यक्रम का क्रम
29 सितंबर 2025 (सोमवार) – सरस्वती आवाहन
इस दिन भक्तजन देवी का आह्वान कर पूजा की शुरुआत करते हैं।30 सितंबर 2025 (मंगलवार) – सरस्वती पूजा
यह सबसे महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन विद्या, कला और ज्ञान की देवी की विशेष पूजा-अर्चना होती है। बच्चे अपनी पढ़ाई में सफलता की प्रार्थना करते हैं और कलाकार अपनी कला को निखारने का आशीर्वाद माँगते हैं।1 अक्टूबर 2025 (बुधवार) – सरस्वती बलिदान
इस दिन देवी को प्रतीकात्मक भेंट अर्पित की जाती है। इसे विद्या और श्रद्धा का समर्पण माना जाता है।2 अक्टूबर 2025 (गुरुवार) – सरस्वती विसर्जन
पूजा का समापन होता है। देवी का विसर्जन कर भक्त उनके आशीर्वाद के साथ पुनः शिक्षा और कार्य की ओर लौटते हैं।
सरस्वती पूजा का महत्व
सरस्वती पूजा केवल देवी की आराधना नहीं है, बल्कि यह ज्ञान, कला और कौशल को सम्मान देने की परंपरा भी है। इन दिनों में पूजा करने से व्यक्ति को विद्या में सफलता, बुद्धि में प्रखरता और कला में निपुणता प्राप्त होती है। #SaraswatiPuja2025 #Navratri2025 #SaraswatiMaa #SaraswatiWorship #AyudhaPuja #SaraswatiPujaRituals #VidyakiDevi #NavratriCelebration #HinduFestivals2025 #SaraswatiBlessings #सनातन #पवित्रता #ध्यान #मंत्र #पूजा #व्रत #धार्मिकअनुष्ठान #संस्कार #ऋभुकान्त_गोस्वामी #RibhukantGoswami #Astrologer #Astrology #LalKitab #लाल_किताब #PanditVenimadhavGoswami
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