Tuesday, October 07, 2025

हनुमज्जन्म महोत्सव: कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी का पावन पर्व

हनुमानजी का जन्म वानरों के अद्भुत वीर के रूप में हुआ, और उनकी जयन्ती को हनुमज्जन्म महोत्सव के रूप में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व विशेष रूप से कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को आता है, और भक्तजन इसे पूरे विधि-विधान से मनाते हैं।


हनुमानजी का जन्म

हनुमानजी का जन्म अंजना माता के गर्भ से हुआ। शास्त्रों में वर्णित है:

"आश्विनस्यासिते पक्षे भूतायां च महानिशि। भौमवारेऽञ्जनादेवी हनूमन्तमजीजनत्॥"

अर्थात्, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी की महान रात्रि में हनुमानजी का जन्म हुआ।

इस दिन भक्तों को प्रातः स्नानादि कर संकल्प लेना चाहिए:
"मम शौर्य, उदार्य, धैर्य आदि गुणों की वृद्धि के लिए हनुमत्प्रीति की कामना से हनुमज्जयन्ती महोत्सव करूंगा।"

हनुमानजी का पूजन विधि

हनुमानजी का पूजन षोडशोपचार पूजा के अनुसार करना चाहिए। कुछ मुख्य बातें हैं:

1. मूर्ति की सजावट

  • मूर्ति को सुगंधित तेल और सिंदूर से अभिषेक करें।

  • पुष्पों का अर्पण करें।

2. नैवेद्य अर्पण

  • घृतयुक्त चूरमा, घी में सेंके हुए मोदक, शर्करा और फल जैसे केला, अमरूद आदि नैवेद्य में रखें।

3. पाठ और दीपोत्सव

  • वाल्मीकीय रामायण के सुंदरकाण्ड का पाठ करें।

  • रात्रि में घृतयुक्त दीपकों की दीपावली सजाएँ।

ध्यान दें: अधिकांश भक्त इस दिन व्रत भी रखते हैं और हनुमज्जयन्ती का आयोजन करते हैं।

हनुमज्जयन्ती मनाने का कारण

हनुमानजी की जयन्ती मनाने का मुख्य कारण यह है कि लंका विजय के बाद श्रीराम अयोध्या लौटे थे।
रामचन्द्रजी और सीताजी ने वानरों को विदा करते समय पारितोषिक दिया।

सीताजी ने हनुमानजी को पहले माला पहनाई, लेकिन उसमें रामनाम नहीं था, इसलिए हनुमानजी संतुष्ट नहीं हुए। तब सीताजी ने अपने ललाट पर रखा सिंदूर हनुमानजी को दिया और कहा:

"इससे बढ़कर मेरे पास कोई महत्त्वपूर्ण वस्तु नहीं है, इसे धारण करो और सदा अजर-अमर रहो।"

इसी कारण तेल-सिंदूर अर्पण के साथ हनुमज्जयन्ती मनाई जाती है।

चैत्र मास में भी होता है उल्लेख

हालाँकि अधिकांश भक्त इसे कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को मनाते हैं, शास्त्रों में इसे चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को भी उल्लेखित किया गया है। अतः चैत्र माह में भी हनुमानजी के पूजन और व्रत का विधान मिलता है।

निष्कर्ष

हनुमज्जन्म महोत्सव केवल एक पर्व नहीं, बल्कि हनुमानजी की भक्ति और उनके अद्भुत गुणों का स्मरण है। इस दिन व्रत, पूजा, पाठ और दीपोत्सव से भक्त अपने जीवन में शौर्य, धैर्य और उदारता बढ़ाने का प्रयास करते हैं।

 #हनुमानजयंती #हनुमानभक्ति #जयबजरंगबली #हनुमानपूजन #हनुमानचालीसा #रामभक्तहनुमान #सिंदूरअर्पण #हनुमानव्रत #सुन्दरकाण्डपाठ #धार्मिकब्लॉग #हिन्दुधर्म #भक्ति_भावना #आध्यात्मिक_यात्रा #शौर्य_और_भक्ति #SanatanDharma #सनातन #पवित्रता #ध्यान #मंत्र #पूजा #व्रत #धार्मिकअनुष्ठान #संस्कार #ऋभुकान्त_गोस्वामी #RibhukantGoswami #Astrologer #Astrology #LalKitab #लाल_किताब #PanditVenimadhavGoswami

For more information: www.benimadhavgoswami.com Website: www.himachalpublications.com WhatsApp 9540166678 Phone no. 9312832612 Facebook: Ribhukant Goswami Instagram: Ribhukant Goswami Twitter: Ribhukant Goswami Linkedin: Ribhukant Goswami Youtube: AstroGurukulam Youtube: Ribhukant Goswami

No comments:

Post a Comment

दीपावली : दीपों का महापर्व और उसकी परंपराएँ

भारतभर में मान्य उत्सव दीपावली या दिवाली, पूरे भारतवर्ष में बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाने वाला पर्व है। इसे केवल रोशनी का त्योहार ही...