सोमावती अमावस्या
जिस अमावस्या को सोमवार हो उसी दिन इस व्रत का विधान है।
यह स्नान, दान पर्वों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
निर्णय सिन्धु के व्यास वचनानुसार इस दिन मौन रह कर स्नान ध्यान करने से सहस्त्र गोदान का पुण्य फल प्राप्त होता है।
इस दिन पीपल वृक्ष की 108 बार परिक्रमा करते हुए पीपल तथा विष्णु के पूजन का नियम है।
प्रदक्षिणा के समय 108 फल अलग रखकर समापन के समय वेदपाठी ब्राह्मण को दान देना चाहिए।
यह स्त्रियों का प्रमुख व्रत है।
सोमवार चन्द्रमा का दिन है इस दिन (हर अमावस्या को) सूर्य तथा चन्द्र एक सीध में स्थित रहते हैं।
इसलिए यह पर्व विशेष पुण्य वाला होता है।
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